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न्यायिक अधिकारी ने पेश की मिसाल; बच्चे को पंचायत स्कूल में दाखिला दिलाया

जिलाधिकारी ने कायम की मिसाल, अपने जुड़वां बच्चों का जिला परिषद स्कूल में कराया दाखिला, पहले दिन खुद पहुंचीं छोड़ने

नंदुरबार जिला कलेक्टर मिताली सेठी ने अपने दोनों बच्चों को जिला परिषद स्कूल में दाखिला दिलाकर एक प्रेरणादायक कदम उठाया है।

महाराष्ट्र के नंदुरबार की जिला कलेक्टर डॉ. मिताली सेठी (IAS Mittali Sethi) ने अपने जुड़वां बच्चों का दाखिला जिला परिषद स्कूल में कराकर एक नई मिसाल कायम की है। उन्होंने अपने बच्चों को नंदुरबार शहर से 3-4 किलोमीटर दूर टोकरतलाव स्थित आंगनवाड़ी में एडमिशन करवाया है। इस स्कूल में आदिवासी और अहिरानी समुदाय के छात्र भी पढ़ते हैं।

इस बात से हुईं इम्प्रेस

जहां एक तरफ निजी स्कूलों में बच्चों को दाखिल कराने की होड़ मची रहती है, वहीं महाराष्ट्र की महिला जिलाधिकारी (DM) मिताली सेठी ने अपने बच्चों का दाखिला सरकारी आंगनवाड़ी में कराया है। पहले दिन वह अपने दोनों जुड़वां बच्चों को कक्षा में छोड़ने भी आयीं। उन्होंने बताया कि बच्चों का इस आंगनवाड़ी में इसलिए दाखिला कराया क्योंकि उन्हें यहां की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं द्वारा तैयार किए गए बैग का आइडिया पसंद आया। नंदुरबार जिला कलेक्टर ने कहा कि उन्होंने और उनके पति ने पहले से तय किया था कि उनके बच्चे आंगनवाड़ी में पढ़ेंगे।

पूर्व मंत्री ने की तारीफ

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी (शरद पवार) के वरिष्ठ नेता जयंत पाटिल ने कहा, “महाराष्ट्र की जिला परिषद स्कूलों से हमेशा से ही बेहद प्रतिभाशाली विद्यार्थी निकलते रहे हैं। नंदुरबार की जिलाधिकारी डॉ. मिताली सेठी ने अपने बच्चों का दाखिला जिला परिषद स्कूल में कराने का जो फैसला लिया है, वह बेहद सराहनीय है।“

उन्होंने आगे कहा, “मेरा विश्वास है कि अगर आने वाले समय में इसी तरह का आंदोलन शुरू हुआ तो जिला परिषद स्कूल निश्चित ही अंतरराष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता वाले होंगे।“

SHUBHDA SHAKTI
Author: SHUBHDA SHAKTI

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